Featured Post

Intro of Deep rhythm of life by Khushi sharma.

Welcome to my world Deeprhythmoflife khushi sharma. Deeply hearted syari ,poems,videos collection by Khushi sharma. Enjoy for more and s...

Sunday, March 7, 2021

"औंरत की रचना"

खुद से खुद को बना कर

यूँ चली मैं एक संसार बना कर


हर पथ में खुद को खोकर

यूँ चली मैं अपनों को संवार कर


कहो, सुनो की रट मैं लगाऊँ

बिन कहे सब मैं समझ जाऊँ


सुनते जाउँ कुछ कहे बिना

चलते जाऊं किसी अन्जाम बिना


बंदिशों में मुझे हर कोई बांधना चाहे

फिर भी पंख लगा कर उड़ते जाउँ


मीरा की तरह प्रेम रस में जहर भी पी जाऊ

उफ़, ना कहूं पत्थर बन अहिल्या कहलाऊँ


भगवान की रचना हूं एक मैं तो नारी हूँ

जलन, द्वेष भावना बना संसार में त्याग  रुपी माँ हूँ


धिक्कार नहीं बस मुझे अधिकार चाहिए

जीने का हक़ और थोड़े मेरे सपनों की उड़ान चाहिए

No comments:

Post a Comment